Holi geet hindi me lyrics

Holi geet hindi me lyrics:-

#227
कोई भीगा है रंग से, कोई भीगा उमंग से
कोई भीगा है तरंग से, कोई भीगा है भंग से
ढोलना प्रीत की बोलियाँ बोलना
तेरी झाँझरी झुन-झुन करे दिल का भ्रमर गुन-गुन करे
ऐसे ना दे गाली मुझे आई यहाँ रंगने तुझे
मस्तों की टोली रे

आया परदेसी आया ऐसी सौग़ात लाया
धूम जिसकी मची गाँव में

गाये जोगीरा गाये, नाचे सबको नचाये,
बिना घुँघरू बाँधे पाँव में,
झूमे ज़मीं, झूमें गगन, आई ख़ुशी सब हैं मगन
बेचैन मन पागल है तन, देखे मुझे मारे गुलबदन
नैनों से गोली रे

म्हारे सपणों की डोली चोरी-चोरी सजा दे
गोरी छोरी बजा दे कँगना
म्हारा बईयाँ मरोड़े, म्हारी चूड़ी को तोड़े
म्हारा पल्लू ना छोड़े साजणा
थोड़ा तुझे तरसाऊँगा, थोड़ा तुझे तड़पाऊँगा
सेहरा सजा के आऊँगा, फागुन में ले जाऊँगा
मैं थारी डोली

Good morning quotes inspirational in hindi

#1
वक़्त का पता नहीं चलता अपनों के साथ...
पर अपनों का पता चलता है, वक़्त के साथ...
वक़्त नहीं बदलता अपनों के साथ,
पर अपने ज़रूर बदल जाते हैं वक़्त के साथ..!! सुविचार Thought Suvichar Quotes Anmol Vachan !!



#2
ज़िन्दगी पल-पल ढलती है, जैसे रेत मुट्ठी से फिसलती है...
शिकवे कितने भी हो हर पल, फिर भी हँसते रहना...
क्योंकि ये ज़िन्दगी जैसी भी है, बस एक ही बार मिलती है..!! सुविचार Thought Suvichar Quotes Anmol Vachan !!



#3
मार्टिन लूथर ने कहा था…
“अगर तुम उड़ नहीं सकते तो, दौड़ो !
अगर तुम दौड़ नहीं सकते तो, चलो !
अगर तुम चल नहीं सकते तो, रेंगो !
पर आगे बढ़ते रहो..!! सुविचार Thought Suvichar Quotes Anmol Vachan !!




#4
बहुत बेहतरीन कविता है:-

तू जिंदगी को जी, उसे समझने की कोशिश न कर
सुन्दर सपनो के ताने बाने बुन,उसमे उलझने की कोशिश न कर
चलते वक़्त के साथ तू भी चल, उसमे सिमटने की कोशिश न कर
अपने हाथो को फैला, खुल कर साँस ले, अंदर ही अंदर घुटने की कोशिश न कर
मन में चल रहे युद्ध को विराम दे, खामख्वाह खुद से लड़ने की कोशिश न कर
कुछ बाते भगवान् पर छोड़ दे, सब कुछ खुद सुलझाने की कोशिश न कर
जो मिल गया उसी में खुश रह, जो सकून छीन ले वो पाने की कोशिश न कर
रास्ते की सुंदरता का लुत्फ़ उठा, मंजिल पर जल्दी पहुचने की कोशिश न कर..!! सुविचार Thought Suvichar Quotes Anmol Vachan !!

Life Insurance

बिमा क्या होता है ?

बीमा (Insurance) एक प्रकार का क़ानूनी अनुबंध (ठेका) है। बीमा अनुबंध का व्यापक अर्थ है कि बीमापत्र (पॉलिसी) में वर्णित घटना के घटित होने पर बीमा करनेवाला एक निश्चित धनराशि बीमा करानेवाले व्यक्ति को प्रदान करता है। बीमा कराने वाला जो बीमाकिस्त/प्रीमीयम बीमा करनेवाले को देता रहता है, वही इस अनुबंध का प्रतिदेय है। 'बीमा' शब्द फारसी से आया है जिसका भावार्थ है - 'जिम्मेदारी लेना'।


जीवन बीमा क्यों खरीदें ?


जीवन बीमा, मानव जीवन से जुड़ी आकस्मिकताओं, जैसे कि मृत्यु, विकलांगता, दुर्घटना, सेवानिवृत्ति आदि के लिए एक वित्तीय सुरक्षा है। प्राकृतिक या दुर्घटना कारणों से मानव जीवन से मृत्यु और विकलांगता के जोखिम जुड़े रहते हैं। किसी मनुष्य की मृत्यु होने या स्थायी अथवा अस्थायी रूप से विकलांग हो जाने पर परिवार की आय की हानि होती है।

यद्यपि मानव जीवन अनमोल है, लेकिन भावी वर्षों की आय में हानि के आधार पर एक धनराशि निर्धारित की जा सकती है। इसलिए, जीवन बीमा में, परिपक्वता/निश्चित धनराशि (या वह धनराशि, हानि की स्थिति में जिसका भुगतान किए जाने की गारंटी होती है), एक प्रकार का ‘‘लाभ’’ होता है। पॉलिसी अवधि के दौरान बीमित व्यक्ति की मृत्यु हो जाने या किसी दुर्घटना के कारण अपंग हो जाने की स्थिति में जीवन बीमा उत्पाद, एक निश्चित मात्रा में धनराशि प्रदान करते हैं।


आपको जीवन बीमा क्यों खरीदना चाहिए ?

जीवन बीमा इसलिए आवश्यक हैः
यह सुनिश्चित करने के लिए, कि आपके निधन की स्थिति में आपके निजी परिवार को कुछ वित्तीय सहायता मिल जाए
आपके बच्चों की शिक्षा तथा दूसरी आवश्यकताओं के वित्तपोषण के लिए
भविष्य हेतु एक बचत योजना अपनाने के लिए, ताकि रिटायरमेंट के बाद आपको आय का एक नियमित स्रोत मिले
गंभीर बीमारी या दुर्घटना के कारण आपकी आय घट जाने पर आपकी अतिरिक्त आय सुनिश्चित करने के लिए
अन्य वित्तीय आकस्मिकताएँ तथा जीवनशैली संबंधी जरूरतें पूरी करने के लिए

जीवन बीमा की आवश्यकता किसे होती हैः-

प्रमुख रूप से कोई भी ऐसा व्यक्ति, जिसके परिवार के लिए उसका सहारा आवश्यक हो तथा वह आय अर्जित करता हो, उसके लिए जीवन बीमा आवश्यक होता है। गृहिणियों द्वारा परिवार में किए जाने वाले योगदान के आर्थिक मूल्य के परिप्रेक्ष्य में, उन्हें भी जीवन बीमा सुरक्षा की आवश्यकता होती है। बच्चों की भावी आय संभावनाओं से जोखिम जुड़े होने के नाते उनके लिए भी जीवन बीमा आवश्यक माना जा सकता है।

कितना जीवन बीमा आवश्यक होता हैः-

आपके लिए आवश्यक जीवन बीमा आवरण (कवरेज) की मात्रा अनेक कारकों पर निर्भर होती है जैसे किः
आप पर कितने लोग आश्रित हैं
आप अपने परिवार को किस प्रकार की जीवनशैली प्रदान करना चाहते हैं
आपको आपके बच्चों की शिक्षा के लिए कितनी धनराशि की आवश्यकता होगी
आपकी निवेश आवश्यकताएँ क्या हैं
आप कितना निवेश कर सकते हैं।
अपनी बीमा आवश्यकताएँ समझने, तथा सही प्रकार के कवर का सुझाव पाने के लिए आपको किसी बीमा एजेंट या ब्रोकर से मदद लेनी चाहिए।


कौन सा जीवन बीमा खरीदें:-
जीवन बीमा पॉलिसियों के प्रकारः
सावधि बीमा:-
सावधि बीमा के जरिए आप एक निर्धारित समय-सीमा तक के लिए सुरक्षा चुन सकते हैं। मृत्यु या स्थायी अपंगता (यदि लाभ प्रस्तावित किया गया है) की स्थिति में आपके आश्रितों को लाभ का भुगतान किया जाएगा। सावधि बीमा में, बीमित व्यक्ति द्वारा बीमा अवधि पार कर लेने के बाद सामान्यतः कोई भुगतान देय नहीं होता।

सम्पूर्ण जीवन बीमा:-

सम्पूर्ण जीवन बीमा के साथ आपको आजीवन सुरक्षा की गारंटी दी जाती है। सम्पूर्ण जीवन बीमा में मृत्यु लाभ का भुगतान किया जाता है इसलिए आप आश्वस्त हो सकते हैं कि आपकी मृत्यु के पश्चात भी आपका परिवार, संभावित वित्तीय हानियों के प्रति सुरक्षित बना रहेगा। आपके उत्तराधिकारियों के लिए विरासत सृजित करने के लिए भी यह एक आदर्श तरीका है।

बंदोबस्ती (ऐन्डॉवमेंट) पॉलिसी:-

बंदोबस्ती पॉलिसी, निर्धारित परिपक्वता तिथि वाली एक बचत संबंधित बीमा पॉलिसी होती है। यदि इस अवधि के दौरान दुर्भाग्यवश आपकी मृत्यु या अपंगता घटित हो जाती है तो परिपक्वता राशि का भुगतान आपके लाभार्थियों को कर दिया जाएगा। इस अवधि में आपके जीवित बने रहने पर पॉलिसी परिपक्वता पर देय राशि का भुगतान किया जाएगा।

धनवापसी (मनी बैक) या नकद वापसी (कैश बैक) योजनाएँ:-

इस योजना के अंतर्गत परिपक्वता राशि का कुछ निश्चित प्रतिशत भाग, बीमित व्यक्ति को आवधिक रूप से उत्तरजीविता लाभ के रूप में वापस किया जाता है। समयअवधि समाप्त हो जाने पर शेष राशि का भुगतान परिपक्वता मूल्य के रूप में किया जाता है। पॉलिसी की अवधि के दौरान जीवन जोखिम को उत्तरजीविता लाभों के भुगतान के बावजूद पूर्ण परिपक्वता राशि के लिए कवर किया जा सकता है।

चिल्ड्रेन पॉलिसी:-

इस प्रकार की पॉलिसियाँ, अभिभावकों/बच्चे द्वारा बच्चे के लाभ हेतु ली जाती हैं। ऐसी पॉलिसी के द्वारा अभिभावक तब निधियाँ प्राप्त करने की योजना बना सकते हैं जब बच्चा जीवन में विभिन्न चरणों में पहुंचता है। कुछ बीमाकर्ता, पॉलिसी अवधि के दौरान अभिभावक/प्रस्तावक की दुर्भाग्यवश मृत्यु हो जाने पर प्रीमियम भुगतानों से छूट भी प्रदान करते हैं।

वार्षिकी (पेंशन) योजनाएँ:-

सेवानिवृत्त (रिटायर) हो जाने पर कर्मचारी को उसका वेतन मिलना बंद हो जाता है जबकि नियमित आय की उसकी आवश्यकताएँ बनी रहती हैं। भविष्यनिधि तथा उपादान (ग्रेच्युटी) जैसे सेवानिवृत्ति लाभों का भुगतान एकमुश्त किया जाता है जो प्रायः शीघ्र खर्च हो जाते हैं या बुद्धिमत्तापूर्वक निवेश नहीं किए जाते जिससे सेवानिवृत्ति के बाद के दिनों में कर्मचारी के लिए नियमित आय उपलब्ध नहीं रह जाती है। इसलिए सेवा निवृत्त प्रावधान हेतु पेंशन एक आदर्श विधि है क्योंकि यह लाभ नियमित आय के रूप में होता है। हमारी कमाई वाली अवधि के दौरान जब हमें नियमित आमदनी प्राप्त होती है, बाद के वृद्धावस्था वाले दिनों के लिए तभी से योजना बना लेना श्रेयस्कर रहता है। वृद्धावस्था के दौरान वित्तीय स्वतंत्रता, हर किसी के लिए बहुत आवश्यक है।

वार्षिकी (पेंशन) योजनाएँ दो प्रकार की होती हैं:
तत्काल वार्षिकी
तत्काल वार्षिकी में बीमा कंपनी से वार्षिकी भुगतान तुरंत शुरू हो जाते हैं। तत्काल वार्षिकी हेतु क्रय कीमत (प्रीमियम) का भुगतान केवल एक किश्त में एकमुश्त किया जाना होता है।
आस्थगित वार्षिकी
आस्थगित वार्षिकी पॉलिसी के तहत व्यक्ति, बीमा कंपनी को अधिकार निधान (वेस्टिंग) आयु/अधिकार निधान (वेस्टिंग) तिथि तक नियमित योगदानों का भुगतान करता है। उसके पास एकल प्रीमियम के रूप में भुगतान करने का विकल्प भी रहता है। यह निधि, ब्याज के साथ संचित होती है और अधिकार निधान तिथि पर निधि उपलब्ध कराई जाती है। बीमा कंपनी, निधियों के निवेशों का प्रबंधन करती है तथा पॉलिसीधारक को अधिकारनिधान आयु/अधिकारनिधान तिथि पर इस कोष निधि का 1/3 भाग भुनाने का विकल्प दिया जाता है। निधि की शेष 2/3 राशि को व्यक्ति हेतु वार्षिकी (पेंशन) खरीद हेतु उपयोग किया जाता है।

यूनिट लिंक्ड बीमा पॉलिसी:-

यूनिट लिंक्ड बीमा पॉलिसियाँ (यूलिप) निवेश और सुरक्षा का संयोजन प्रस्तुत करती हैं और आपके प्रीमियम निवेश किए जाने के विकल्प और लचीली सुविधा प्रदान करती हैं। यूनिट लिंक्ड योजनाओं में, निवेशक होने के नाते निवेश जोखिम पोर्टफोलियो आप द्वारा वहन किए जाते हैं आमतौर से, यह पॉलिसी आपको फंडों के विकल्प उपलब्ध कराती है जिनमें आप निवेश कर सकते हैं। पॉलिसी की अवधि के दौरान विभिन्न फंडों के बीच स्विच करने की लचीली सुविधा भी आपको मिलती है। यूलिप का मूल्य, उन यूनिटों के प्रचलित मूल्य से जुड़ा होता है, जितनी यूनिटों में आपने फंड में निवेश किया होता है, और यह फंड के निष्पादन पर निर्भर होता है। मृत्यु या स्थायी अपंगता की स्थिति में पॉलिसी, परिपक्वता राशि (जिस सीमा तक आप कवर हों) उपलब्ध कराती है ताकि आप आश्वस्त रह सकें कि आकस्मिक वित्तीय हानि की स्थिति में आपका परिवार सुरक्षित रहेगा। सभी यूलिप से विविध मात्राओं में जोखिम तथा प्रतिफल जुड़े रहते हैं। यूनिट लिंक्ड पॉलिसियों पर विविध प्रभार लागू होते हैं तथा प्रीमियम से बाहर शेष राशि का भुगतान आप द्वारा चुने गए फंड/फंडों में ही किया जाता है। आप द्वारा वहन किए जाने वाले कुल प्रभारों की राशि समझने के लिए आपके बीमाकर्ता या एजेंट या ब्रोकर से पूछताछ कर लेना जरूरी है। आप द्वारा कोई यूलिप पॉलिसी खरीदने का निर्णय लेने से पहले, आपकी जोखिम वहन क्षमता तथा निवेश लक्ष्य सीमाएँ आँकलित करना जरूरी है। लॉक-इन अवधि, समर्पण मूल्य, समर्पण प्रभार आदि सहित पॉलिसी की विशेषताएँ समझने के लिए पॉलिसी के नियमों व शर्तों का भी सावधानीपूर्वक अध्ययन कर लेना बहुत जरूरी होता है।
उपरोक्त उल्लिखित सभी प्रकार की योजनाएँ, यूलिप योजनाओं के तहत प्रस्तावित की जा सकती हैं।



जीवन बीमा कैसे और किससे खरीदें:-


बीमा मध्यस्थ से:-

बीमा एक जटिल उत्पाद है जो कवर की गई आकस्मिकता के घटित होने की स्थिति में विनिर्दिष्ट नियमों एवं शर्तों के अनुसार बीमित व्यक्ति या तृतीय पक्ष को क्षतिपूर्ति करने की वचनबद्धता को दर्शाता है। अधिकांश बीमा सौदों (लेनदेन) में प्रायः कोई मध्यस्थ-कोई बीमा एजेंट (व्यक्ति या कार्पोरेट) या बीमा ब्रोकर होता है।
बीमा मध्यस्थ, उपभोक्ताओं (बीमा पॉलिसियाँ खरीदने के इच्छुकों) तथा बीमा कंपनियों (उन पॉलिसियों को बेचने की इच्छुकों) के बीच एक सेतु की तरह कार्य करता है।
बीमा ब्रोकरों को आईआरडीए द्वारा लाइसेंस दिया जाता है और ये बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (बीमा ब्रोकर) विनियम 2002 द्वारा अधिशासित हैं। व्यक्तिगत बीमा एजेंटों तथा कार्पोरेट एजेंटों को भी आईआरडीए द्वारा लाइसेंस दिया जाता है और ये क्रमशः बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (व्यक्तिगत बीमा एजेंटों की लाइसेंसिंग) विनियम 2002 तथा बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (कार्पोरेट एजेंटों की लाइसेंसिंग) विनियम 2002 द्वारा अधिशासित हैं। ये विनियम, संबंधित मध्यस्थों के लिए आचरण संहिता निर्धारित करते हैं।
उत्पाद के विक्रय से लेकर पॉलिसी की सेवा तथा दावे के निपटारे तक उत्पाद के पूरे जीवनचक्र में मध्यस्थ एक विशेष भूमिका निभाता है। संभावित ग्राहक को उसके लिए सर्वोत्तम कवर चुनने में सक्षम बनाने के लिए प्रस्तावित कवर के संदर्भ में मध्यस्थ, समस्त यथार्थ जानकारी प्रदान करता है। मध्यस्थ द्वारा संभावित ग्राहक को सम्पूर्ण प्रकटीकरणों तथा पारदर्शिता के साथ परामर्श देने की अपेक्षा की जाती है। विक्रय हो जाने के पश्चात मध्यस्थ, ग्राहक तथा बीमाकर्ता के बीच पॉलिसी की सेवा तथा दावा निपटान का प्रभावी समन्वय करता है।
आईआरडीए ने पॉलिसीधारकों के हितों की सुरक्षा के लिए विनियम निर्दिष्ट किए हैं। जो न केवल बीमाकर्ताओं, बल्कि मध्यस्थों पर भी दायित्व निर्धारित करते हुए ये निर्दिष्ट दायित्व, विक्रय के समय के अलावा पॉलिसी की सेवा तथा दावा निपटारे के समय पर भी लागू होते हैं।

बीमा मध्यस्थों के साथ व्यवहार पर सुझाव:-

बीमा मध्यस्थों से व्यवहार करते समय, निम्न बातों का ध्यान रखें:
आग्रह करें और जाँच करें कि क्या उस व्यक्ति के पास वैध लाइसेंस है और क्या वह उस विशेष व्यवसाय हेतु अधिकृत है। उदाहरण के लिए, मध्यस्थ को जीवन बीमा या सामान्य बीमा या दोनों (समग्र लाइसेंस धारक) बेचने के लिए लाइसेंस प्राप्त है। किसी के संदर्भ से हमेशा मदद मिलती है।
जाँच लें कि क्या उसे विविध बीमा उत्पादों/पॉलिसियों का अच्छा ज्ञान है।
उसे आपकी जरूरतों को समझना चाहिए और आप क्या चाहते हैं यह जानना चाहिए। सदैव सुनिश्चित करें कि केवल उन्हीं उत्पादों पर विचार करें जो आपके लिए उपयुक्त है। लम्बे-चौड़े वादों, और ऊंची बिक्री की तरकीबों से सतर्क रहें। जो आपकी क्षमता में है केवल उसी पर विचार करें।
मध्यस्थ आपको पॉलिसी के नियमों व शर्तों को समझाने की कोशिश कर रहा है उनके बारे में प्रश्न पूछें और उन्हें समझ लें।
आपको इस मामले में अवश्य संतुष्ट हो लेना चाहिए कि आप अपनी प्रतिबद्धताएँ भलीभाँति समझते हैं। आप द्वारा न केवल पॉलिसी लेते समय, बल्कि इसे समर्पित करते समय या कोई दावा करते समय आपको कौन से भुगतान या राशियाँ वहन करने होंगे, इसे जान लें।
जिस उत्पाद पर आप विचार कर रहे हैं, या जिसे मध्यस्थ बेचने की कोशिश कर रहा है, उससे संबंधित विवरणिकाओं (ब्रोशर्स) और विक्रय साहित्य की मांग करें। उत्पाद के सम्पूर्ण तथ्यों, कवर की सीमा तथा अपवर्जन जिस रूप में लागू हों, उनकी व्याख्या करने का मध्यस्थ से आग्रह करें।
गुणवत्तापूर्ण तथा समयबद्ध सेवा देने पर बल दें। मध्यस्थ द्वारा आपसे व्यवहार करते समय पूर्व-बिक्री की अवधि के दौरान लिए गए टर्नअराउंड टाइम (प्रतिवर्तन काल) द्वारा आप इसका अनुमान लगा सकते हैं।
प्रस्ताव फार्म स्वयं भरें। कभी भी कोरे प्रस्ताव फार्म पर हस्ताक्षर न करें। अगर प्रस्ताव फार्म की कोई शर्तें आपको समझ न आ रही हों, तो मध्यस्थ से इसे आपके समक्ष स्पष्ट करने को कहें।
जब आप प्रीमियम का भुगतान किसी मध्यस्थ के द्वारा करें, तो जाँच लें कि क्या वह बीमा कंपनी की ओर से ऐसा करने के लिए अधिकृत है, तथा उसी समय एक उचित हस्ताक्षरित रसीद देने के लिए आग्रह करें।
अपनी पॉलिसी मिलने के बाद, इसका पूरी तरह अध्ययन करें और अगर कुछ शर्तें आपकी समझ में न आती हों तो अपने मध्यस्थ से संपर्क करें और उससे इसकी व्याख्या करने को कहें। याद रहे कि जीवन बीमा पॉलिसियाँ और 3 वर्ष या अधिक की अवधि की स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों के लिए एक फ्री-लुक अवधि होती है जिसके दौरान आप पॉलिसी वापिस कर सकते हैं। यदि आप उनके दिए गए नियमों और शर्तों से सहमत नहीं हैं।
दावा करने से संबंधित दस्तावेजों तथा प्रक्रियाओं के बारे में मध्यस्थ से प्रश्न पूछें, और उन्हें भलीभाँति समझ लें। किसी दावे की स्थिति में, ऐसी अन्य एजेंसियाँ भी हो सकती हैं जिनको आप द्वारा बीमा कंपनी के अलावा सूचित किया जाना होता है। आपकी ओर से कौन सी कार्यवाहियाँ अपेक्षित होंगी, इनके बारे में पूरे विवरण प्राप्त कर लें।




जीवन बीमा हेतु क्या करें और क्या न करें:-

जीवन बीमाः करने और न करने योग्य कुछ बातें:-


आपका जीवन और आपकी अर्जन क्षमता, आपकी व आपके परिवार की सबसे बड़ी संपत्तियाँ हैं। आपके जीवन के बाद भी आपके परिवार की देखभाल करने के लिए जीवन बीमा पॉलिसी, सर्वोत्तम तरीका है।
जीवन बीमा खरीदते समय करने और न करने योग्य कुछ बातें यहाँ दी गई हैं



ऐसा करें:-

इस बारे में अच्छी तरह सोचें, कि आप बीमा क्यों खरीद रहे हैं तथा मूल आवश्यकताएँ व प्रत्याशाएँ क्या हैं
सलाहों एवं विकल्पों की धैर्यपूर्वक वांछना करें और प्राप्त करें आपको मिलने वाली सलाह और जानकारी उदारतापूर्वक लें किन्तु सतर्क रहें। आपकी जरूरतों के लिहाज से क्या उपयुक्त होगा, इसे जाँचने के लिए पॉलिसी विकल्पों के बारे में ढेरों प्रश्न पूछें। पॉलिसी के विभिन्न विवरण ज्ञात करें, जैसे किः यह एकल प्रीमियम पॉलिसी है या नियमित प्रीमियम पॉलिसी है, आपके लिए सर्वोत्तम ढंग से उपयुक्त प्रीमियम भुगतान आवृत्ति क्या होगीः उदाहरण के लिए वार्षिक, त्रैमासिक, इत्यादि। क्या आपके प्रीमियम भुगतानों को सुरक्षित और आसान बनाने वाली ईसीएस (इलेक्ट्रॉनिक क्लीयरेंस सर्विस) सुविधा इसमें मौजूद है।
प्रस्ताव फार्म को बहुत सावधानीपूर्वक स्वयं भरें। इसे पूरी तरह से व सत्यतापूर्वक भरें। याद रखें कि इसमें दिए गए विवरणों के लिए आप ही उत्तरदायी हैं। सुनिश्चित करें कि आप द्वारा दी गई सूचनाएँ, किसी क्लेम के दौरान विवादित नहीं की जा सकती हों। सुनिश्चित करें कि आपने नामांकन विवरण भरे हैं। यदि फार्म एक भाषा में है और आप प्रश्नों के उत्तर एक भिन्न भाषा में दे रहे हैं तो सुनिश्चित करें कि प्रश्नों को आपके सम्मुख भलीभाँति स्पष्ट किया गया है और यह कि आपने उन्हें पूरी तरह से समझ लिया है। याद रखें कि आपको प्रस्ताव फार्म में इस आशय का घोषणापत्र देना होता है।
आप द्वारा हस्ताक्षरित, पूरी तरह भरे हुए प्रस्ताव फार्म की एक प्रति, तथा पारस्परिक सहमति वाली किन्हीं घोषणाओं व शर्तों की प्रति अपने रिकार्ड के लिए अपने पास रखें।

यदि आप यूनिट लिंक्ड बीमा पॉलिसी (यूलिप) खरीद रहे हैं तो निम्न के बारे में विशिष्ट प्रश्न पूछें:

विविध प्रभार
फंड विकल्प
फंडों की स्विचिंग
लाभ, यदि आप

पॉलिसी बीच में खत्म करतें हैं
पॉलिसी समर्पित करते हैं
निधियों का आंशिक आहरण करते हैं

ऐसा न करें:-

प्रस्ताव फार्म में कोई कॉलम खाली न छोड़ें
इसे भरने के लिए किसी और को न दें
किन्हीं तथ्यों को छुपाएँ नहीं या भ्रामक जानकारी न दें क्योंकि इससे दावे के समय विवाद उत्पन्न हो सकते हैं
आपके प्रीमियम भुगतानों में चूक या विलम्ब न करें



जीवन बीमा के बारे में सामान्य सलाह:-

जब भी आप कोई बीमा पॉलिसी खरीदने का निर्णय लें:
जाँच करें कि क्या पॉलिसी बेचने वाली कंपनी, आईआरडीए द्वारा पंजीकृत है कि नहीं
सुनिश्चित करें कि आप किसी वास्तविक लाइसेंसधारी एजेंट या ब्रोकर के माध्यम से पॉलिसी खरीद रहे हैं। पहचानपत्र या लाइसेंस दिखाने का आग्रह करें।
आप कंपनी से सीधे भी पॉलिसियाँ खरीद सकते हैं
पॉलिसी विवरणिका/विवरण पत्रिका को सतर्कतापूर्वक पढ़ें और यह जानें कि पॉलिसी में क्या कवर किया गया है और क्या कवर नहीं किया गया है